क्या है 17000 करोड़ रुपए पीड़ितों को वापस किए जाने का सच ??
मोदी जी के चुनावी रैली या उनके द्वारा दिए गए टीवी चैनल साक्षात्कार में 17000 करोड़ रुपयों का जिक्र बार बार आ रहा है। प्रधानमंत्रीजी के अनुसार जांच एजेंसियों द्वारा जब्त किए गए भ्रष्टाचार का पैसा अब भ्रष्टाचार के पीड़ितों को वापस करने के लिए वे कानूनी सलाह ले रहें हैं ।
अब तक लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए जब्त किए जा चुके हैं जिनमे से 17000 करोड़ रुपए पीड़ितों को वापस भी किया जा चुका है तथा आने वाले दिनों में 1.25 लाख करोड़ रुपए कानूनी सलाह मशवरा करके वापस किए जाएंगे।
रिपब्लिक भारत के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने बताया था कि जब्त की गई रकम में से 1.25 लाख करोड़ रुपये भी पीड़ितों को लौटाए जा सकते हैं।
“केरल में, एक बड़ा सहकारी बैंक घोटाला हुआ है। इन पर कम्युनिस्टों का नियंत्रण है. यह पैसा मध्यम वर्ग और गरीबों का था। मैंने इसमें शामिल नेताओं की संपत्ति कुर्क की. मैं इस पर कानूनी सलाह ले रहा हूं लेकिन कई मामलों में हमें पता चल जाता है कि किसने किसे भुगतान किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ”हम पहले ही लूटे गए 17,000 करोड़ रुपये भ्रष्टाचार पीड़ितों को दे चुके हैं।”
देश अलग हिस्सों में पड़े एंफोर्समेंट डीरेक्टोरेट (ई.डी.) के छापों से बरामद हजारों करोड़ों रुपयों का आखिर क्या होता है ??
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने विभिन्न टीवी चैनलों को दिए अपने साक्षात्कार में यह बताया की एंफोर्समेंट डीरेक्टोरेट (ई.डी.) के छापों से बरामद हजारों करोड़ों रुपयों का सरकार क्या करना चाहती है ।
मोदीजी के अनुसार अबतक जांच अजेंसियों के छापों से लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए बरामद हुए हैं और सरकार इन पैसों को उन गरीबों/मिडल क्लास लोगों/परिवारों को वापस करना चाहती है जिनसे यह पैसे लूटे गए हैं। सरकार के अनुसार लूट हुए पैसों का मनी ट्रैल जांच से निकाला जा सकता हैं और भारतीय कानून में यह प्रावधान है की उन पैसों को पीड़ित को वापस किया जा सके।
सरकार न्यायवयवस्था तथा कानून वयवस्था से सलाह-मशवरा कर रही है जिससे इन पैसों को कानूनी तौर पे सही तरीके से उनके असली मालिकों तक पहुंचाया जा सके।
कैसे पता लगाया जाएगा “मनी-ट्रैल” का ??
यदि मोनू (काल्पनिक नाम) नाम के व्यक्ति ने अपनी नौकरी लगवाने के लिए 2015 (काल्पनिक वर्ष) में तत्कालीन सरकार के किसी मुलाज़िम को अपनी जमीन बेच कर 10,00,000/- रुपए दिए थे, तो उस समय के उनके जमीन बेचने के सबूत के साथ उसके कैश ट्रानजैक्शन से मिलान कर उनके नौकरी मिलने की तिथि से मिलान करके ट्रैल का पता लगाया जा सकता है।
बिहार में लंबे समय से चल रहे जमीन के बदले नौकरी वाले Scam का भी इसी तरह से ट्रैल निकाल कर पीड़ित की जमीन या पैसे उसे वापस किए जा सकते हैं ।
क्या आ सकती है समस्या ??
इस समय लोगों में इस बात का डर है की कहीं पैसे या जमीन तो मिल जाए पर नौकरी न चली जाए या रिश्वत देने के आरोप में कहीं कोई दूसरी कानूनी कारवाही न हो।
क्या था केरल कोआपरैटिव बैंक घोटाला जिसके पीड़ितों को दिए गए 17000 करोड़??
केरल का करुवन्नुर को-आपरेटिव बैंक घोटाला केरल का अब तक के सबसे बड़े घोटाले के रूप में उभर कर आया है। केरल के की लोकल को-आपरेटिव बैंक भी इस घोटाले में सम्मिलित रहे हैं। केरल के सत्ताधारी पार्टी सीपीआई(एम) के की बड़े नेता या उनके संबंधी इस घोटाले मे लिप्त बताए जातें हैं। संक्षिप्त में बताएँ तो आम जनता की जमा-पूंजी की बंदर-बाट गलत तरीकों से लोन देकर, बेनामी लोन की कैश में वितरण कर कर, अनियमित तरीकों से एफड़ी के ब्याज रेगुलेट करएके किया गया। आरबीआई के दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई तथा ऑडिट में भी मिलीभगत से अनियमितायों को छुपाया गया। माध्यम वर्ग तथा गरीब वर्ग के लोगों के जमा पूंजी को बैंक के जरिए अनियमित तरीके से रसूखदार, नेता और उनके संबंधियों को बाटा गया जिनमें उन पीड़ितों के पैसे डूब गए। ई. डी. द्वारा केस दर्ज कर जांच और कारवाही की जा रही है। इसी घोटाले के पीड़ितों को 17000 करोड़ रुपए वापस किए गए हैं जिसका जिक्र प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपने साक्षात्कार एवं जनसभाओं में किया है।
नवंबर 2023 को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और बेला एम त्रिवेदी की विशेष तीन-न्यायाधीश पीठ को संबोधित करते हुए कहा, “एक राष्ट्र के रूप में, हमें गर्व होना चाहिए कि एक प्रावधान है जो जब्त की गई संपत्ति को बहाल करने की अनुमति देता है। दावेदारों को वैध ब्याज के साथ पीड़ितों को लगभग 17,000 करोड़ रुपये लौटाए गए हैं, खासकर बैंक धोखाधड़ी के मामलों में।”